खनिज क्या होते है ??
पृथ्वी के भूगर्भ से खुदाई करके, प्राकृतिक रुप से पाए जाने वाले तत्वों या यौगिक को खनिज कहते है जैसे - कोयला, अभ्रक, जस्ता आदि
भारत में निम्न खनिज पाए जाते हैं जो इस प्रकार है-
तांबा -
प्राप्ति - धारवाड शैल के शिष्ट व फायलाइट के शिलाओं से
तांबा मानव सभ्यता द्वारा सबसे पहले प्रयोग की जाने वाली धातु है
तांबा विद्युत का सुचालक है इसलिए विद्युत तार बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
भारत में तांबे का साबसे अधिक उत्पादन - मध्य प्रदेश के मलाजखण्ड व बालाघाट से
भारत में तांबे का साबसे अधिक भण्डार - राजस्थान
मैंग्निज -
प्राप्ति - धारवाड शैल समूह से
अयस्क - मैग्नेटाइड, पायरोलूसाइट
भंडारण्ड - उडीशा
उत्पादन - मध्यप्रदेश के बालाघाट में
हीरा -
प्राप्ति - किम्बर लाइट चट्टानों से
भारत में हीरे का साबसे अधिक उत्पादन - मध्यप्रदेश के पन्ना व सतना जिले से तथा आन्ध्रप्रदेश के अनंतपुर से
भारत में हीरे का साबसे अधिक भण्डाण - मध्यप्रदेश
दुनिया में सबसे अधिक हीरे का उत्पादन - रूस
दुनिया में हीरे का सबसे अधिक भंडार - किम्बरले दक्षिण अफ्रीका
-हीरा सबसे कठोर अधातु है और कार्बन का सबसे शुद्ध रूप होता है।
-यह कार्बन का उपररूप है यह प्रकृति का सबसे कठोर तत्व माना जाता है ।
- विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा तेलंगाना की गोलकुंडा खान से निकाला गया था
सोना -
प्राप्ति - धारवाड शैल के क्वार्ट्ज शिलाओं से
भारत में सोने का साबसे अधिक उत्पादन - कर्नाटक के कोलार व हट्टी की खान
भारत में सोने का साबसे अधिक भण्डार - कर्नाटक
-सोना एक बहुमूल्य धातु है इसका उपयोग आभूषण बनाने सिक्के बनाने में किया जाता है भारत का लगभग 96-97 प्रतिशत सोना कर्नाटक से ही मिलता है
चाँदी -
भारत में चांदी की स्वतंत्र खाने नहीं पाई जाती यह प्रायः जस्ता और सीसा के साथ मिश्रित
रूप में पाई जाती है।
भारत में चाँदी का साबसे अधिक उत्पादन - राजस्थान के जवार क्षेत्र से
भारत में चांदी का साबसे अधिक भण्डार - राजस्थान
जस्ता-सीसा -
सीसा और जस्ता को जुड़वा खनिज भी कहा जाता है क्योंकि यह साथ-साथ पाए जाते हैं
जस्ता -
अवसादी शैल समूह से प्राप्त किए जाते हैं
- इसका उपयोग मुख्यता लोहे को जंग रोटी बनाने के लिए वह पॉलिश के लिए किया जाता है
उत्पादन व भंडारण - राजस्थान (अलवर, भीलवाड़ा, जावर)
सीसा -
प्राप्त - सीसा मुख्यत गैलेना नमक अयस्क से प्राप्त किया जाता है
- यह प्रकृति में मुक्त रूप में नहीं पाया जाता
उत्पादन और भंडारण- राजस्थान (जावर, रामपुर)
जिप्सम -
प्राप्ति - अवसादी चट्टानों से
भारत में जिप्सम का सबसे अधिक उत्पादन और भंडार - राजस्थान
प्रमुख खानें - राजस्थान का हनुमानगढ़ जिला, नागौर, जैसलमेर, जोधपुर
-प्लास्टर ऑफ पेरिस में इसका उपयोग होता है और क्षारीय मृदा को उदासीन करने में भी जिप्सम का उपयोग किया जाता है साथ ही इसका उपयोग अमोनियम सल्फेट, रासायनिक उर्वरक और सीमेंट बनाने में किया जाता है
टिन -
प्राप्ति - आग्नेय और कायांतरित चट्टानों में
भारत में टिन का सबसे अधिक उत्पादन और भंडार - छत्तीसगढ़
प्रमुख खाने - छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला
इनका उपयोग धातु की चादर बनाने में किया जाता है और भारत में लगभग इसका संपूर्ण भंडार व उत्पादन छत्तीसगढ़ में ही होता है
अभ्रक -
प्राप्ति - आग्नेह व कायनत्रीत चट्टानों में सीट के रूप में
भारत में अभ्रक का सबसे अधिक उत्पादन - आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले से
अभ्रक विद्युत का कुचालक होता है इसीलिए इसका उपयोग विद्युत उपकरण बनाने में किया जाता है
लौह अयस्क -
प्राप्ति - धारवाड़ क्रम या कुडप्पा क्रम की आग्नेय चट्टानों से
लौह अयस्क भारत का महत्वपूर्ण खनिज संसाधन है भारत का लौह अयस्क उत्पादन में विश्व में चौथा स्थान है
- चीन
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्राजील
- भारत
इसके 4 अयस्क होते है -
मैग्नेटाइड - यह सवोच्च किस्म को लौह अयस्क होता है इसमे सर्वाधिक लोहांश 72% प्रतिशत होता है
इसे चुम्बकीय लौह अयस्क कहते है ।
रंग - काला
हेमेटाइड - इसे लौह का आक्साइड कहते है
रंग - गेरूवा रंग व हल्का लाल रंग
यह द्वितीय कोटि का होता है इसमे लोहांश 60-65 प्रतिशत होता है
भारत में सार्वधिक मात्रा में इसी किस्म का लौह अयस्क मिलता है
लिमोनाइट - यह औसादी चट्टानों से प्राप्त होता है
रंग - भूरा
इसमें लोहांश की मात्रा 40-50 प्रतिशत पाया जाता है
सिटेराइट - इसे आयरन कार्बोनेट कहते है
सबसे निम्न कोटि का होता है
रंग - पीला
इसमें लोहांश की मात्रा 35-40 प्रतिशत पाया जाता है
भारत में लौह अयस्क का सबसे अधिक उत्पादन - उड़ीसा
प्रमुख खानें - उड़ीसा का क्योंझर, छत्तीसगढ़ का बैलाडीला, कर्नाटक का कुद्रेमुख
भारत से लौह अयस्क का सर्वाधिक अयस्क जापान को किया जाता है ।
कोयला -
प्राप्ति - औसादी चट्टान के गोंडवाना शैल से
भारत में कोयले का सबसे अधिक उत्पादन - छत्तीसगढ़
भारत में कोयले का सबसे अधिक भंडार - झारखंड
प्रमुख खाने - झारखंड का झरिया, पश्चिम बंगाल का रानीगंज, तेलंगाना का सिंगरेनी
- यह इंधन खनिज की श्रेणी में आता है
कोयला एक कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।
कार्बन की मात्रा के आधार पर कोयला 4 प्रकार का होता है -
ऐन्थ्रेसाइट - यह सबसे अच्छी किस्म का कोयला है इसमें कार्बन की मात्रा 85-90% प्रतिशत से अधिक होती है
बिटमिनस - इस कोयले में कार्बन की मात्रा 65-75% प्रतिशत होती है भारत में सबसे ज्यादा बिटमिन्स कोयला ही पाया जाता है।
लिग्नाइट - इसमें कार्बन की मात्रा 45-55% प्रतिशत होती है भूरा कोयला भी कहा जाता है
पीट - इसमें कार्बन की मात्रा इसे 45% प्रतिशत से भी कम होती है और यह सबसे निम्न श्रेणी का कोयला होता है।
पेट्रोलियम -
प्राप्ति -
उत्तर पूर्व क्षेत्र में - असम अरुणाचल प्रदेश नागालैंड
पश्चिमी क्षेत्र में - गुजरात महाराष्ट्र राजस्थान
पूर्वी क्षेत्र में - कृष्णा गोदावरी नदी बेसिन
- पेट्रोल हाइड्रोकार्बन योगिक का मिश्रण होता है
- भारत में पेट्रोलियम उत्पादन में सबसे प्रमुख योगदान अपतटीय क्षेत्रों का है देश में अपतटीय क्षेत्रों का कुल योगदान लगभग 66 प्रतिशत
- असम के डिगबोई को तेल नगरी के रूप में जाना जाता है। डिगबोई में एशिया में पहली बार तेल कुएँ का खनन हुआ था । 1901 में यहाँ एशिया की पहली रिफाइनरी का शुरू किया गया था
- मुंबई से लगभग 176 किलोमीटर दूर खंभात की खाड़ी में मुंबई हाई की खोज 1973 में हुई और देश का सर्वाधिक तेल उत्पादन यहीं से होता है
बाक्साइड -
प्राप्ति - लेटेराइट शैल-दक्कन ट्रैप से
भंडारण एवं उत्पादन - उडीशा के कालाहांडी में
सामान्यतः 40 प्रतिशत से अधिक एल्युमिनीयम की मात्रा होने पर उसे बाक्साइड श्रेणी में रखा जाता है ।
चूना-पत्थर -
प्राप्ति - औसादी चट्टान के कडप्पा शैल समूह से
भंडारण - आन्ध्रप्रदेश
उत्पादन - राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और तमिलनाड़ अन्य उत्पादित केंद्र हैं।
डोलोमाइड -
उत्पादन एवं भंडारण - छत्तीसगढ
इस खनिज में कैल्शियम व मैग्निशीयम के कार्बोनेट पाए जाते है । यह मैग्निशीयम का सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत है ।
थोरियम -
भारत में थोरियम का सबसे अधिक उत्पादन - केरल
अयस्क - मोनोजाइट (एलेप्पी - केरल), इल्मेनाइट (रत्नागिरी - महाराष्ट्र)
यह परमाणवीक खनिज की श्रेणी में आता है ।
भारत थोरियम का विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक देश है और विश्व का सबसे बड़ा थोरियम का भंडार केरल में है
थोरियम केरल तट पर मोनाजाइट बालू से प्राप्त किया जाता है
यूरेनियम -
भारत में यूरेनियम का सबसे अधिक उत्पादन - झारखंड के जादूगोड़ा से, आंध्रप्रदेश
अयस्क - पिच ब्लैड, थोरियानाइट, समरस्पाट
यह परमाणवीक खनिज की श्रेणी में आता है ।
यूरेनियम का उपयोग परमाणु सयंत्रो में ईंधन के रूप में किया जाता है और यूरेनियम का उपयोग परमाणु बम बनाने में किया जाता है
बैरीलीयम -
प्राप्ति -तामिलनाडू, आन्ध्रप्रदेश, राजस्थान
एंटीमनी -
प्राप्ति - हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश
ग्रेफाइट
प्राप्ति - आग्नेय रूपांतरित चट्टानों से
राज्य - तमिलनाडु मदुरई झारखंड लातेहार मध्य प्रदेश बैतूल राजस्थान अलवर बांसवाड़ा
-एक कार्बन का अपरूप है
-इस का सर्वाधिक उत्पादन ओडिशा में होता है इसका उपयोग नाभिकीय रिएक्टर में मंदक के रूप में होता है
-इससे पेंसिल की लेड बनाई जाती है
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